Bearish Engulfing Candlestick Pattern दो कैंडलों से मिलकर बनने वाला कैंडलस्टिक पैटर्न है, जिसमे Bearish का अर्थ “मंदी” और Engulfing का अर्थ “निगलना” होता है। यह पैटर्न आमतौर पर अपट्रेंड के अंत में बनता है, जिसकी पहली कैंडल आकार में छोटी और हरे रंग की होती है और दूसरी कैंडल आकार में बड़ी और लाल रंग की होती है जो पहली वाली कैंडल को अपने अंदर पूरी तरह से समा (पूरी तरह से ढक) लेती है।
अगर किसी भी स्टॉक के भाव में तेजी की ट्रेंड देखने को मिलती है और चार्ट पर Bearish Engulfing Candlestick Pattern दिखाई देता है, तो यह हमें संकेत देता है कि स्टॉक की कीमत में उलटफेर हो सकती है।
What is Bearish Engulfing Candlestick Pattern in Hindi
कैंडलस्टिक चार्ट का अविष्कार जापान देश में हुआ था और यह ट्रेडिंग चार्ट पर विभिन्न रंगों के माध्यम से दर्शाया जाता है। इसमें से मुख्यतया लाल और हरा हमेशा देखने को मिलता है। कहीं-कहीं आपको यह कैंडल सफ़ेद और काला रंग का दिखाई दे सकता है।
बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न यह कैंडलस्टिक पैटर्न का एक प्रकार है जो दो कैंडलों के मिलने से बनता है अर्थात दो कैंडल का एक जोड़ा है, जो अपट्रेंड के दौरान शीर्ष पर बनता है। इस पैटर्न को 5 मिनट, 15 मिनट, 30 मिनट या अधिक टाइम फ्रेम पर भी देखा जा सकता है। यह पैटर्न बुलिश एंगलफिंग पैटर्न के बिल्कुल विपरीत देखने को मिलता है।
बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न हमेशा स्पष्ट नहीं होते है। एक बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न की विश्वनीयता तब होती है जब एंगलफिंग कैंडल का निर्माण पिछले कैंडल के बंद होने से काफी ऊपर होती है। इसके अतरिक्त नीचे वाली कैंडल का समापन ऊपर वाली कैंडल के खुलने से काफी नीचे होना चाहिए।
बाजार में उथल-पूछल होने के कारण कई बार इस प्रकार की कैंडल का निर्माण हो जाता है जो विश्वसनीयता कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं होता है।
बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न की पहचान करने के लिए कुछ निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है –
1.इस पैटर्न में बाजार अपट्रेंड होने के कारण स्टॉक की कीमतें लगातार बढ़ रही होती है।
2. इस पैटर्न में बाजार खुलने के बाद पहले दिन को पहली हरी कैंडल का निर्माण होता है।
3. स्टॉक के पहली कैंडल का महत्व कम होता है, यह आमतौर पर छोटे और हरे रंग का होता है।
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न का मनोविज्ञान
बेयरिश एनगल्फिंग एक रिवर्सल पैटर्न है, जो आमतौर पर अपट्रेंड के अंत में बनता हुआ देखने को मिलता है। इसमें दो कैंडल होते है. पहले दिन के दौरान यह पैटर्न एक छोटे शरीर वाला हरा कैंडल का निर्माण करता है। और दूसरे दिन एक बड़ा लाल कैंडल बनता है, जो पहली कैंडल के शरीर को पूरी तरह से ओवरटेक करता है। और ट्रेंड के विपरीत दिशा में जा कर बंद हो जाता है।
चार्ट में दो बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न्स देख सकते होंगे और दोनों ही बार लाल कैंडल ने हरे कैंडल को पूरी तरह से एंगलफ कर लिया है और एंगलफ करते ही ट्रेंड में बदलाव आ जाता है।
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न का उपयोग कैसे करें
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न एक संभावित बिक्री का संकेत है और आमतौर पर इस पैटर्न के बनने के बाद ट्रेडर लोग शार्ट पॉजिशन लेते है।
अगर ऊपर दर्शाये गए चार्ट के अनुसार कैंडल का निर्माण के दौरान फार्मेशन बढ़ जाती है तो यह हमें ट्रेंड में एक मजबूत गिरावट का संकेत देता है। कुछ ट्रेडर ट्रेंड की पुष्टि के लिए मंदी पैटर्न के बनने के लिए दिन के बाद तक प्रतीक्षा करते है। ऐसा तब होता है जब मंदी के पैटर्न में मजबूती ना हो।
अधिकांश ट्रेडर मंदी के ट्रेंड के अलावे बहुत सारे अन्य संकेतों की खोज करते है जैसे कि सपोर्ट लाइन के नीचे भाव का टूटना। इस प्रकार अन्य संकेतों के साथ मंदी का पैटर्न अधिक विश्वनीय हो जाता है।
एंगलफिंग पैटर्न के प्रकार
एंगलफिंग पैटर्न के दो प्रकार होते है – पहला बुलिश एंगलफिंग पैटर्न और दूसरा बेयरिश एंगलफिंग पैटर्न (बुलिश एंगलफिंग पैटर्न के बारे में विस्तारपूर्वक पढ़ने के लिए अगले आर्टिकल का इन्तिज़ार करें)
निष्कर्ष
ट्रेडर को हमेशा यह सलाह दी जाती है कि बाजार में ट्रेड करने से पूर्व अन्य संकेतकों के साथ संयोजन में ही मंदी के पैटर्न पर कार्यवाई करनी चाहिए। इसके साथ-साथ ट्रेडर को हमेशा ट्रेड में स्टॉप लॉस का उपयोग करना चाहिए। जिससे की ट्रेंडिंग में किसी प्रकार का नुकसान का सामना ना करना पड़े।